जयपुर। राजस्थान में भाजपा की तरफ कांग्रेस के पुराने मजबूत नेताओं का झुकाव, कांग्रेस को खोखला करने वाला साबित हो सकता है। सरकार बदलने के बाद से ही एक के बाद एक नेताओं का भाजपा की ओर रुख कांग्रेस के लिए छंटनी का दौर और भाजपा के लिए बगावत की शुरूआत का आगाज माना जा रहा है। एक ओर नेताओं के भाजपा में जाने से कांग्रेस खाली हो रही है और युवाओं के लिए रास्ते बन रहे हैं, वहीं कांग्रेस से भाजपा में आकर टिकट पाने वाले नेताओं की बढ़ती संख्या ने पार्टी के भीतर असंतोष का भाव पैदा कर दिया है, जो गुबार बनकर किसी न किसी स्वरूप में फूटता नजर आएगा।
बहरहाल मजबूरी में या रानीतिक स्वार्थ में कांग्रेस से भाजपा जॉइन करने जा रहे नेताओं की लम्बी फेहरिस्त में लालचंद कटारिया का नाम सबसे ऊपर है। कटारिया पूर्व मंत्री भारत सरकार और पूर्व मंत्री राजस्थान सरकार का दर्जा रखते हैं। राजनीतिक मौसम विज्ञानी भी माने जाते हैं। रुख भांप कर रणनीति बदल लेते हैं और फायदे में रहते हैं, अब भाजपा जॉइन कर रहे हैं। कटारिया के अलावा ईडी की चपेट में आ चुके गहलोत सरकार के मंत्री राजेन्द्र यादव भी पाप धोने की तैयारी में है और भाजपा जॉइन कर रहे हैं। पूर्व विधायक रिछपाल मिर्धा, पूर्व सांसद और पूर्व मंत्री खिलाड़ी लाल बैरवा, शाहपुरा के पूर्व विधायक आलोक बेनीवाल, डेगाना के पूर्व विधायक विजयपाल सिंह मिर्धा, भीलवाड़ा के पूर्व जिला अध्यक्ष और 2019 में कांग्रेस के लोकसभा प्रत्याशी रहे रामलाल शर्मा, फुलेरा के पूर्व विधायक रामनारायण किसान, क्रिडा परिषद राजस्थान के उपाध्यक्ष अनिल व्यास, सेवानिवृत्त आईएएस ओंकार सिंह चौधरी, भारत कृषक समाज जिलाध्यक्ष बीकानेर गोपाल राम कुकणा भी भाजपा में शामिल हो रहे हैं।
इस लम्बी सूची में प्रदेश महासचिव अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी डॉ. अशोक जांगिड़, चर्चित बॉडी बिल्डर और अंतर्राष्ट्रीय गोल्ड मैडलिस्ट प्रिया सिंह मेघवाल, पूर्व अध्यक्ष राजस्थान प्रदेश कांग्रेस सेवादल सुरेश चौधरी, सचिव, राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी राजेन्द्र परसवाल, प्रधान पंचायत समिति जोबनेर शैतान सिंह मेहरड़ा, प्रधान पंचायत समिति झोटवाड़ा रामनारायण झाझड़ा, पूर्व प्रधान लाडनू जगन्नाथ बुरडक भी भाजपा जा रहे हैं। जगन्नाथ बुरडक कांग्रेस में मंत्री रहे हरजीराम बुरडक के पुत्र हैं। इनके अलावा प्रदेश अध्यक्ष ऑल राजस्थान जाट महासभा कर्मवीर चौधरी, युवा अध्यक्ष ऑल राजस्थान जाट महासभा कुलदीप ढेवा, नदबई से बच्चूसिंह चौधरी, राष्ट्रीय मीणा महासभा के उपाध्यक्ष और पूर्व विधायक प्रत्याशी रामलाल मीणा, पूर्व सचिव प्रदेश कांग्रेस कमेटी राजस्थान, आमेर महेश शर्मा समेत रणजीत सिंह पूर्व प्रधान मालपुरा और प्रदेशाध्यक्ष ब्राह्मण महासभा मधुसुदन शर्मा भी शामिल हो रहे हैं।
कटारिया और मिर्धा परिवार की तो मजबूरी समझ आती है। राजेन्द्र यादव भी ईडी से बचने और पाप धोने भाजपा में जा रहे हैं, लेकिन इस सूची में बहुत से ऐसे नाम भी हैं जो अपने राजनीतिक आकाओं के इशारों पर भाजपा का रुख कर रहे हैं। ऐसे में खिलाड़ी लाल हों, कटारिया, मिर्धा या यादव इस श्रेणी के नेता तो फिर भी राजनीतिक लाभ समय रहते पा लेंगे, लेकिन हर स्तर पर घुसपैठ से भाजपा के निचले स्तर पर भी असंतोष पनप रहा है। कांग्रेस से आकर भाजपा में टिकट या पद ले लेना दोनों ही बातें भाजपा और संघ से जुड़े कर्मठ कार्यकताओं को पसंद नहीं आ रही हैं। दूसरा कांग्रेस से आए नेताओं को कोर भाजपा वाले दोयम दर्जे का ही मानकर ट्रीटमेंट दे रहे हैं, यह भी चर्चाएं गलियारों में खूब चल रही हैं।