नीतीश कुमार के भाजपा से गठबंधन सरकार में दो उप मुख्यमंत्री बनाए गए हैं। दोनों ही बिहार के धुरंधर नेता हैं। आइए जानते हैं नीतीश केबिनेट के नए उप मुख्यमंत्रियों को –
सम्राट चौधरी, उप मुख्यमंत्री, बिहार
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बिहार में भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष और जबरदस्त रणनीतिकार सम्राट चौधरी राजनीति में लम्बा अनुभव रखते हैं। 1999 में सम्राट पहली बार राबड़ी देवी सरकार में कृषि मंत्री बने थे, लेकिन उनकी उम्र को लेकर बड़ा बवाल उठा था। 2000 में हुए विधानसभा में एक बार फिर विधायक चुने गए और 2010 में भी खगडिय़ा के परबत्ता से विधायक चुने गए। बड़ी उठा-पटक और सोच-विचार के बाद 2017 में भाजपा में शामिल हुए और पार्टी में मजबूत जगह बनाई। उनकी पकड़ और भाजपा में शामिल होने के बाद पार्टी लीडरशिप ने प्रभावित होकर उपाध्यक्ष बनाया। 2020 में एनडीए में पंचायती राज मंत्री बने और प्रभावशाली बने रहे। 27 मार्च 2023 करीब सालभर पहले औपचारिक रूप से उन्हें बिहार में भाजपा का प्रदेशाध्यक्ष घोषित किया गया।
सम्राट चौधरी पार्टी को बिहार में मजबूत करने के अलावा उम्दा टीम बनाने, कुशल रणनीतियों के जरिए आलाकमान को प्रभावित करने में कामयाब रहे हैं।
विजय सिन्हा, उप मुख्यमंत्री बिहार
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नीतीश कुमार के करीबी होने का लाभ विजय सिन्हा को उप मुख्यमंत्री बनने में मिला है। जदयू के विधायक विजय कुमार बिहार में विधानसभा स्पीकर और वित्त मंत्री के तौर पर भी अपना दमखम दिखा चुके हैं।
विजय कुमार सिन्हा बिहार की 17वीं विधानसभा के अध्यक्ष रहे हैं। भाजपा के नेता प्रतिपक्ष के तौर पर अपना दमखम दिखा रहे विजय सिन्हा 2010 से लखीसराय विधानसभा से जीतते आए हैं। 24 अगस्त 2022 को सत्तारूढ़ महागठबंधन द्वारा उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाए जाने के बाद उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। विजय सिन्हा बिहार सरकार में श्रम संसाधन मंत्री भी रह चुके हैं। अनुभवी हैं। तिलकपुर बिहार में जनमे और पले बढ़े विजय कुमार सिन्हा का परिवार खेती-बाड़ी करता था, लेकिन उन्होंने पढ़ाई का रुख किया और 1989 में पॉलीटेक्नीक कॉलेज, बेगूसराय से सिविल इंजीनियरिंग करके राजनीति में कूद गए।