राजस्थान की राजनीति में कुछ भी सरलता से आगे नही बढ़ता। कांग्रेस 70 सीटों पर जीत कर विधानसभा में विपक्ष की भूमिका में है, लेकिन अब तब पार्टी नेता प्रतिपक्ष के नाम की घोषणा नहीं कर पाई है। हाल ही पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा (Govind Singh Dotasara) ने कहा था कि विधानसभा का सत्र शुरू होने से पहले आपको नेता प्रतिपक्ष मिल जाएगा। इधर इंतजार जारी है, तो उधर नामों की पोजिशनिंग के लिए लॉबिंग और ट्रोलिंग बदस्तूर जारी है।
नेता प्रतिपक्ष के नाम लगातार चल रहे हैं, लेकिन आज ट्विटर पर कांग्रेस सरकार के पूर्व मंत्री और अलवर ग्रामीण से विधायक टीकाराम जूली (Tika Ram Jully) जमकर ट्रोल हो रहे हैं। जूली को लेकर कहा जा रहा है कि कोई 10 करोड़ के डोनेशन का मामला है। फिलहाल मामला क्या है किसी को नहीं पता। बस जूली ट्रोल हो गए हैं, और ट्रोल करने वाले ने किसी एजेंसी से ठीक काम करवा लिया है, क्योंकि मामला पता हुए बिना ही धड़ाधड़ ट्विट किए जा रहे हैं। ट्रोल करने वाले अंदाजे से कह रहे हैं कि 10 करोड़ पार्टी फंड में डोनेट करवाकर टीकाराम जूली नेता प्रतिपक्ष बनने जा रहे हैं। इसी चक्कर में ट्विटर पर #10करोड़_नेताप्रतिपक्ष_अलवर जमकर चल रहा है।
कहते हैं राजनीति में किसी का काम बनाना हो, तो बहुत लॉबिंग करनी पड़ती है। लेकिन किसी का काम बिगाडऩा हो, तो उसको बस ठीक से ट्रोल कर दो, काम बने न बने, बिगड़ जरूर जाएगा। देखना होगा कि टीकाराम जूली के नेता प्रतिपक्ष बनने का सपना यह ट्रोलिंग ले डूबेगी या वाकई जूली उभरकर सामने आने वाले हैं। यह भी चर्चा है कि गोविंद सिंह डोटासरा को नेता प्रतिपक्ष और टीकाराम जूली को पीसीसी चीफ बनाया जा सकता है। इन दोनों ही नेताओं को दोनों में से कोई भी पद मिलता है तो यह कहा जा सकता है कि आने वाले दिनों में भी कांग्रेस में अशोक गहलोत खेमा प्रभावी रहने वाला है।