जम्मू-कश्मीर। विधानसभा चुनाव 2024 जम्मू-कश्मीर की वादियों के लिए राजनीतिक परिपक्वता का नया दौर लाने की उम्मीद जगाते हुए आया है। चुनाव आयोग की ओर से अचानक हुई इस घोषणा से जहां स्थानीय नेता खुद को संभालने में जुट गए हैं, वहीं कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे और पार्टी को अलविदा कहकर कश्मीर लौटे गुलाम नबी आजाद ( Ghulam Nabi Azad ) घर वापसी कर सकते हैं।
आजाद जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री हैं और डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी के प्रमुख भी। बताया जा रहा है कि गांधी परिवार आजाद को घर वापसी के लिए राजी कर सकती है और आजाद भी सहमति जता सकते हैं। गुलाम नबी आजाद के बेहद करीबी से मिली जानकारी के अनुसार कांग्रेस में वापसी को लेकर गुलाम नबी आजाद और गांधी परिवार के बीच सुलह के मजबूत संकेत हैं। गांधी परिवार की ओर से संपर्क से संभावनाएं बनी हैंं।
गौरतलब है कि गुलाम नबी आजाद ने अगस्त 2022 में कांग्रेस को अलविदा कह दिया था और इसके तुरंत बाद जम्मू-कश्मीर में अपने सहयोगी कांग्रेस नेताओं को साथ लेकर डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी के साथ मैदान में आ गए थे। इधर कल शाम पूर्व विधायक और वरिष्ठ नेता ताज मोहि-उद-दीन जो कि गुलाम नबी आजाद के नेतृत्व वाली डीपीएपी के संस्थापक सदस्यों में से एक हैं, ने घोषणा कर दी है कि वह कई अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ कांगे्रस में लौट सकते हैं।
हालांकि गुलाम नबी आजाद फिलहाल गांधी परिवार और कांग्रेस से हुए मतभेदों पर पूर्ण सुलह के स्तर पर बातचीत नहीं ला पाए हैं, लेकिन इसकी उम्मीद की जा रही है कि यह आने वाले चंद दिनों में संभव हो जाएगा। सूत्रों से पता चला है कि आजाद ने जो सुझाव दो साल पहले कांग्रेस को दिए थे, उन पर कांग्रेस आलाकमान ने सहमति जताते हुए कदम उठाने शुरू कर दिए हैं।
बहरहाल उठापटक का दौर जारी है। देखना होगा कि कांग्रेस और आजाद के बीच सुलह होती है, तो कितने दिन में और किन शर्तों के साथ। क्योंकि चुनाव आयोग की घोषणा के बाद जम्मू-कश्मीर में आनन-फानन में हो रहे चुनावों में नेताओं को बहुत कम समय मिला है, ऐसे में बडे नेताओं का हर फैसला महत्त्पूर्ण भूमिका निभाएगा।