जयपुर। सूचना है कि जल जीवन मिशन में हुए घोटाले की जांच के क्रम में अशोक गहलोत सरकार के मंत्री रहे महेश जोशी के घर ईडी ने छापा मारा है। हालांकि छापेमारी सुबह-सवेरे हुई है और फिलहाल रेड जारी है, तो ऐसे में ईडी के क्या हाथ लगा है, इसकी सूचना आनी बाकी है।
गौरतलब है कि जल जीवन मिशन में 20,000 करोड़ का घोटाला होने की बात कही जा रही है। माना जा रहा है कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में राज्य और केन्द्र सरकार के सहयोग से घर-घर पेयजल पहुंचाने की इस योजना को 2024 तक पूरा किया जाना था, लेकिन मंत्री, ठेकेदारों, आला अधिकारियों ने मिलकर बड़ा घोटाला कर डाला।
ईडी ने आज सुबह-सवेरे जयपुर, दिल्ली और गुजरात में 10 टीमों के जरिए इस मामले में आरोपी 5 अलग-अलग लोगों के ठिकानों को टारगेट किया है। इनमें पूर्व मंत्री महेश जोशी के दो ठिकाने भी शामिल हैं। बताया जा रहा है कि महेश जोशी के साथ-साथ उनके परिवार के दो सदस्यों को भी पूछताछ में शामिल किया गया है। इस बात की भी सूचना आ रही है कि ईडी ने महेश जोशी, दो ठेकेदार और दो उच्च अधिकारियों के खिलाफ मजबूत सबूत जुटा लिए हैं और अब जोशी को कभी भी दिल्ली तलब किया जा सकता है। संभवत: ईडी की अगली पूछताछ के लिए जोशी दिल्ली के चक्कर लगाने वाले हैं।
क्या है जल जीवन मिशन घोटाला?
भारत सरकार की ओर से ग्रामीण पेयजल योजना के तहत सभी ग्रामीण इलाकों को जलापूर्ति के लिहाज से जोडऩे का प्लान बना। इस व्यवस्था पर 50 प्रतिशत केन्द्र सरकार और 50 प्रतिशत राज्य सरकार को कॉन्ट्रीब्यूट करना था। योजना के तहत डीआई डक्टर आयरन पाइपलाइन डाली जानी थी, जिसकी जगह अधिकारियों और ठेकेदारों ने घालमेल कर एचडीपीई की पाइपलाइन डाल दी। ठेकेदार ने पुरानी पाइपलाइन को नया बताकर पैसा उठा लिया और अधिकारी बिल पास करते गए। नीचे से ऊपर तक सबक कट सबमें बंटा।
बताया जा रहा है कि कई किलोमीटर तक आज भी पाइपालाइन डाली ही नहीं गई है, लेकिन कागजों में डाल दी गई और ठेकेदारों ने अधिकारियों से सांठगांठ कर पैसा उठा लिया। ठेकेदार पदमचंद जैन ने फर्जी कंपनी से सर्टिफिकेट लगाकर टेंडर लिया था, जिसकी जानकारी अधिकारियों को थी। लेकिन पदमचंद जैन की सैटिंग सिस्टम के अंदर तक थी, इसलिए सब शामिल होते चले गए। इधर पदमचंद जैन हरियाणा से चोरी के पाइप ले आया और उसे नए पाइप बता कर करोड़ों रुपया सरकार से उठा लिया।
महेश जोशी के घर से ईडी जब्त कर चुकी हार्ड डिस्क
पूर्व मंत्री महेश जोशी के लिए ईडी के चंगुल से निकलना किसी भी स्तर पर संभव नहीं लग रहा। इससे पहले भी ईडी ने जब महेश जोशी और आईएएस सुबोध अग्रवाल के यहां रेड़ की थी, तो महेश जोशी के यहां से हार्ड डिस्क जब्त की थी। सूत्र बताते हैं कि जोशी की इस डिस्क में कुछ ऐसे चीजें ईडी को मिली हैं, जो जोशी के लिए गलफांस बन गई हैं।
इस मामले में ईडी ने राजस्थान में तीसरे सबसे वरिष्ठ आईएएस सुबोध अग्रवाल को भी निशाना बनाया हुआ है। हालांकि इस बात की संभावनाएं भी बन सकती हैं कि सुबोध अग्रवाल पर बड़ी आंच ना आए, लेकिन महेश जोशी, ठेकेदार और कुछ अन्य अधिकारी चपेट में आएंगे। ब्यूरोक्रेसी की सुबोध अग्रवाल के पक्ष में लामबंदी भी उनके लिए फेवरेबल है। अधिकारियों में ईडी विभाग के चीफ इंजीनियर केडी गुप्ता, इंजीनियर दिनेश गोयल, एक्सईएन संजय अग्रवाल के ठिकानों और ऑफिस में भी छापेमारी करके सबूत जुटा चुकी है। ईडी को प्रॉपर्टी कारोबारी संजय बड़ाया और कल्याण सिंह कविया के घर भी इस घोटाले को लिंक करने वाले कुछ दस्तावेजों की जब्ती का मौका मिल चुका है।