जयपुर। भजनलाल सरकार का एक वर्ष पूरा होने के साथ ही केबिनेट बैठक में हुए फैसलों ने नया विवाद छेड़ दिया है। केबिनेट बैठक में हुए फैसले के बाद 3 संभाग जिनमें सीकर, पानी और बांसवाड़ा शामिल हैं रद्द कर दिए गए हैं। इनके साथ-साथ 9 जिले भी समाप्त कर दिए गए हैं, जिनमें दूदू, केकड़ी, शाहपुरा, नीमकाथाना, गंगापुरसिटी, जयपुर ग्रामीण, जोधपुर ग्रामीण, अनूपगढ़ औ सांचौर शामिल हैं। इस फैसले के बाद केवल डीग, बालोतरा, खैरथल-तिजारा, ब्यावर, कोटपूतली-बहरोड़, डीडवाना-कुचामन, फलोदी और सलूंबर को यथावत रखा गया है।
प्रेमचंद बैरवा क्या मुंह दिखाएंगे – गोविंद सिंह डोटासरा
3 संभाग और 9 जिले रद्द करने के साथ ही पीसीसी चीफ गोविंद डोटासरा ने भजनलाल केबिनेट के इस फैसले पर सवाल खडेÞ कर दिए हैं। पीसीसी चीफ डोटासरा ने मंच से यह भी कहा है कि भजनलाल शर्मा अपना डीग जिला बचाने में कामयाब रहे, लेकिन प्रेमचंद बैरवा के दूदू को जिलों की सूची से हटा कर बैरवा के लिए समस्या कर दी है। अब बैरवा जनता को क्या मुंह दिखाएंगे कि वह अपनी ही सरकार में अपना जिला नहीं बचा पाए।
भाजपा किए किए विकास का विनाश कर रही – अमराराम, सांसद, सीकर
इंडी गठबंधन के जरिए संसद पहुंचे सीकर के सांसद अमराराम ने भाजपा के इस फैसले का विरोध जताया है। अमराराम के मुताबिक भाजपा विकास तो नहीं कर सकती, लेकिन किए हुए विकास का विनाश करने का खामियाजा भाजपा को भुगतना पडेगा। शेखावाटी की जनता इसका जवाब देगी।
इधर जिन जिलों को रद्द किया गया है, उन्हें सरकार के फैसले के खिलाफ प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। माना जा रहा है कि भाजपा के इस फैसले से कई जिलों में नाराजगी बढेगी, वहीं जिन जिलों को यथावत रखा गया है, वहां पार्टी मजबूती से इस बात को भुनाएगी कि उन्होंने जनता की वाजिब मांगों को देखते हुए जिलों को यथावत रखा है।
भजनलाल सरकार ने ये फैसला लेने में 1 साल लगा दिया, इससे अंदाजा लगा सकते हैं कि इस काम को लेकर उनके मन में कितना कंफ्यूज़न रहा… हमनें 3 संभाग बनाए थे तो कुछ सोच-समझकर बनाए थे. ..मैं नहीं जानता कि यह फैसला क्या सोच-समझकर लिया गया है”
– अशोक गहलोत, पूर्व मुख्यमंत्री