बाड़मेर के पूर्व विधायक मेवाराम जैन (MLA Mewaram Jain) के दो वीडियोज ने पूरे सोशल मीडिया पर हडक़ंप मचा दिया है। 70 साल के पूर्व विधायक का फोन बंद है, मीडिया से उन्होंने किनारा कर लिया है और 7.11 मिनट व 18 मिनट के कुल दो वीडियो करीब-करीब हर एंड्रॉयड फोन में पहुंचे हैं। कांग्रेस में यह वीडियो वायरल होने के बाद बाड़मेर, जयपुर से लेकर दिल्ली तक हडक़ंप मच गया है।
मेवाराम जैन 15 साल बाड़मेर के विधायक रहे हैं और 5 साल नगर पालिका अध्यक्ष भी रहे हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार राजस्थान में भाजपा सरकार बनने के बाद अब करीब 15 दिन पहले ही पीडि़ता ने पूर्व विधायक सहित 9 के खिलाफ मामला दर्ज करवाया।
अक्टूबर 2022 में सबसे पहले मामला उछला
कोतवाली थाने में 30 अक्टूबर 2022 को विधायक रहते मेवाराम जैन ने मामला दर्ज करवाया। इसमें मेवाराम ने कहा कि लम्बे समय से दयाल राम, वकील शैलेन्द्र अरोड़ा, जोधपुर की एक महिला और कुछ लोग गिरोह बनाकर उन्हें ब्लैकमेल कर रहे हैं। दस लाख रुपए मांग रहे हैं और दबाव बना रहे हैं कि रुपए नहीं दिए तो महिला से दुष्कर्म के झूठे मामले में फंसा देंगे।
Ashok Gehlot सब जानते थे, मामला दबाया
बताया जा रहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की जानकारी में यह मामला 22 नवंबर 2022 को ही आ गया था। जिसके बाद आइजी स्तर पर इस मामले में बरामदगी और महिलाओं की गिरफ्तारी को लेकर रणनीति भी बनी थी। 29 नवंबर 2022 को रामस्वरूप आचार्य ने सैक्सटॉर्शन और वीडियो ब्लैकमेलिंग का मामला दर्ज करवाया था। सैटलमेंट हुआ और प्रवीण कुमार तथा सुरतानसिंह ने सैटलमेंट के 50 लाख रुपए दिए गए। पुलिस ने इस मामले में 2 महिला समेत पाच लोगों को गिरफ्तार किया था।
मेवाराम को ED का नोटिस मिला था, फिर मामला उछला
विधानसभा चुनावों के पहले 20 नवम्बर 2023 को इस मामले में ईडी की एंट्री हुई। 50 लाख के लेनदेन को आधार बनाया गया। इसी कार्रवाई में 25 नवम्बर को जब ईडी ने मेवाराम को पूछताछ के लिए तलब किया, तो मेवाराम हाईकोर्ट में अपील करके राहत ले आए। हाईकोर्ट ने मेवाराम को चुनाव तक राहत दी थी और मेवाराम चुनाव भी हार गए।
सरकार बदलते ही पीडि़ता आगे आई
राजस्थान में भाजपा सरकार बनते ही पीडि़ता फिर सामने आई और 20 दिसंबर 2023 को जोधपुर के राजीव गांधी नगर थाने में 35 वर्षीय पीडि़ता ने मामला दर्ज करवाया। उसने मामले में कहा कि पूर्व विधायक मेवाराम जैन, उसका सहयोगी रामस्वरूप आचार्य ने उसके व नाबालिग बालिकाओं के साथ कई बार दुष्कर्म किया। इसके बाद झूठे मामले दर्ज कर जबरदस्ती उन्हें पुलिस और उनके साथ आए लोग उठा ले गए।
18 धाराओं में हुआ मामला दर्ज
पूर्व विधायक के इस काण्ड के मामले में कुल 18 धाराओं में मामला दज किया गया है। इनमें घर में घुसकर बलात्कार, गैंगरेप, पॉक्सो, ब्लैकमेलिंग, जान से मारने की धमकी, मारपीट, दुष्कर्म, एससी-एसटी एक्ट के अंतर्गत धारा 323, 328, 344, 346, 347, 354 (क), 384, 376 (2) (एन), 376 डी, 120-बी, आईपीसी 3, 4, 5(ग), 5 (1), 6, 7, 8 पॉक्सो एक्ट और 3 (2) (वी) एससी एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज हुआ है।
FIR में यह हैं नामजद आरोपी
पूर्व विधायक मेवाराम जैन, रामस्वरूप आचार्य, कोतवाल गंगाराम खावा, बाड़मेर डिप्टी एसपी आनंद सिंह राजपुरोहित, एसआई दाउद खान, प्रधान गिरधर सिंह सोढ़ा, बाड़मेर नगरपालिका के उप सभापति सुरतान सिंह, गोपालसिंह राजपुरोहित, प्रवीण सेठिया व अन्य का नाम शािमल है।