जयपुर/टोंक। चर्चित समरावता काण्ड की आग ने राजस्थान की राजनीति में कई बडे सवाल खडेÞ किए। युवा नेता नरेश मीणा अब तक मामले में सलाखों के पीछे हैं। कोर्ट की तारीख पे तारीख पड़ने के बावजूद नरेश मीणा के बाहर आने का रास्त अब तक नहीं निकला था। लेकिन अब राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने एरिया मजिस्टेÑट और मालपुरा उपखण्ड अधिकारी पर आरोप लगाए हैं और साथ ही आयोग की कमेटी ने पुलिस के बर्ताव पर भी सवाल खडेÞ कर दिए हैं। इस मसले में राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने राजस्थान सरकार को रिपोर्ट सौंप दी है, जिसमें 30 दिनों में दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की है और सरकार से जवाब मांगा है।
घटनाक्रम के अनुसार 13 नवंबर, 2024 को देवली-उनियारा उपचुनाव थे। वोटिंग हो रही थी और इसी दौरान युवा नेता और मजबूत निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा ने कहासुनी के साथ एरिया मजिस्टेÑट अमित चौधरी के थप्पड़ जड़ दिया। अमित चौधरी के मुताबिक नरेश मीणा जबरन बूथ में घुस रहा था और चौधरी ने मीणा को रोकने की कोशिश की थी, जबकि नरेश मीणा के मुताबिक गांव ने अपने मुद्दे-मसले को लेकर चुनाव का बहिष्कार किया था लेकिन प्रशासन जबरन दबाव डाल कर वोटिंग करवा रहा था।
घटनाक्रम के दौरान युवा नेता नरेश मीणा की गिरफ्तारी के बाद जनआक्रोश फैला और पुलिस व ग्रामीण आपस में भिड़ गए। ढेरों ग्रामीणों के चोटें आई, ग्रामीणों की गाड़ियां जला दी गई और समरावता गांव में दहशत का माहौल हो गया। इसी मसले की जांच को लेकर राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने एक छह सदस्यीय कमेटी का गठन किया, जिसकी अध्यक्षता निरुपम चमका ने की और तीन महीने में जांच की। अब कमेटी ने 23 पृष्ठों में अपनी रिपोर्ट तैयार की जिसमें थप्पड़काण्ड का कारण, एसडीएम और एरिया मजिस्टेÑट की क्रिया-प्रतिक्रिया और पुलिस कि क्रिया-प्रतिक्रिया के बारे में लिखा है।
राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग की रिपोर्ट में एरिया मजिस्टेट अमित चौधरी को थप्पड़ मारने को अनुचित माना गया है, वहीं अमित चौधरी द्वारा जबरन वोटिंग कराने के आरोप भी लगे है। इस रिपोर्टे में पुलिस द्वारा बदले की कार्रवाई, झूठे मुकदमे लगाना सहित कई आरोप पुलिस पर भी लगाए गए हैं। बहरहाल राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने मुख्य सचिव सुधांशु पंत, डीजीपी उत्कल रंजन साहू, जनजाति क्षेत्र विकास निगम के सचिव आशुतोष ए.टी. पेडणेकर को रिपोर्ट भेजी है और इन्हें 30 दिनों में आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए लिखा है।