जोधपुर। राजस्थान की जानी-मानी उत्कर्ष कोचिंग ( Utkarsh Coaching ) पर आयकर विभाग की बड़ी कार्रवाई पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बनी हुई है। इस छापेमारी में 800 करोड़ की Utkarsh Coachingऔर Physics Wallah के बीच हुई डील को टार्गेट किया गया है। सूत्रों के हवाले से बताया जा रहा है कि उत्कर्ष कोचिंग के मालिक निर्मल गहलोत के घर और ऑफिस से आयकर विभाग ने सर्च के दौरान डील से जुडे डॉक्यूमेंट्स कब्जे में ले लिए हैं। साथ ही उत्कर्ष कोचिंग के खातों से एनजीओ को फंडिंग और उस फंडिंग से जमीनों की खरीद-फरोख्त की जानकारियां भी आयकर विभाग को मिली हैं।
उत्कर्ष कोचिंग के संचालक निर्मल गहलोत के घर पर तलाशी में करीब साढे चार किलोग्राम सोना और 15 लाख कैश मिलने की बात भी सामने आ रही है। पिछले तीन दिनों से जारी आयकर विभाग की इस बड़ी कार्रवाई में एनजीओ को फंडिंग के ट्रांजेक्शंस और उससे जमीनों में निवेश करके कर चोरी के मसले को आयकर विभाग इन्वेस्टिगेट कर रहा है।
इस छापेमारी में आयकर विभाग ने उत्कर्ष के कंप्यूटर्स, इलेक्ट्रॉनिक गजेट्स और डिवाइसेज भी कब्जे में ली हैं, जिनको अधिकारी खंगाल रहे हैं। बताया जा रहा है कि उत्कर्ष के सर्वर को भी आयकर विभाग की टीम खंगाल रही है, जिसमे सभी प्रकार के लेन-देन, कर चुकाने न चुकाने, फीस, खर्चे और टैक्स चोरी के तथ्यों को खंगाला जा रहा है। आयकर विभाग के सूत्रों के मुताबिक मामला बड़ा है, लेकिन ऑफिशियल फिलहाल किस स्तर की कार्रवाई को विभाग अंजाम देगा यह तय होना बाकी है।
स्टूडेंट्स की फीस के आयकर को लेकर भी जांच जारी
विभागीय सूत्रों के मुताबिक उत्कर्ष में ऑफलाइन पढ़ने वाले छात्रों की संख्या हजारों में है और आॅनलाइन कोर्स खरीदने वाले लाखों में हैं, लेकिन इनमें आॅफलाइन फीस के रिकॉर्ड्स में बड़ी कर चोरी की संभावना को टटोला जा रहा है। जितने विद्यार्थी ऑफलाइन क्लास ले रहे हैं, उसकी तुलना में उनकी फीस की रसीदें, कमाई और कमाई पर दिए जाने वाले करों में झोलझाल को लेकर भी उत्कर्ष कोचिंग आयकर विभाग के टार्गेट पर है।
छात्रों की नारेबाजी से हो रही फजीहत
इधर उत्कर्ष कोचिंग पर आयकर विभाग का छापा पड़ने के साथ ही कुछ विद्यार्थियों ने उत्कर्ष के पक्ष में और फीस की रकम के करों में धांधलेबाजी को लेकर सड़क पर आकर नारेबाजी की थी, जो चर्चा में बनी हुई है। सोशल मीडिया पर इस नारेबाजी को लेकर कई तरह के कमेंट्स देखने को मिल रहे हैं, जिसमें कोई इसे उत्कर्ष द्वारा ही प्रायोजित भीड़ बता रहा है, तो कोई नासमझ और बेवकूफों की भीड़ बता रहा है, जो उत्कर्ष की छवि को बट्टा लगाने में जुटे हुए हैं। बताया जा रहा है कि छात्रों द्वारा की गई इस नारेबाजी ने उत्कर्ष की छवि को जितना चूना लगाया है, उतना तो कोचिंग पर पड़े छापे की खबर से फैली नकारात्मकता से भी नहीं लगा है।
छापे के पीछे पॉलिटिकल कनेक्शन तलाश रहे लोग
सत्ता के गलियारों में यह भी चर्चा है कि उत्कर्ष कोचिंग के मालिक निर्मल गहलोत भविष्य में राजनीति में कूदने के प्लान पर काम कर हैं। साथ ही गहलोत राजनीतिक पार्टियों को चंदा देने, नेताओं को आगे बढ़ाने, संघ और सामाजिक कार्यों में राजनीतिक महत्त्वकांक्षा के चलते भागीदारी निभा रहे हैं, जिसके चलते कई नेताओं की नजरों में चढेÞ हुए हैं। जोधपुर के कुछ बडेÞ नेता निर्मल गहलोत को अपना भावी प्रतिद्वंदी समझते हुए पीछे से कार सेवा में लगे हुए हैं। गलियारों में यह भी चर्चा है कि पिछले दिनों जयपुर उत्कर्ष सेंटर में छात्र-छात्राओं का बेहोश होना और अब आयकर विभाग की छापेमारी इन सबके पीछे पॉलिटिकल कनेक्शन है।
उत्कर्ष कोचिंग के लिए जाता हुआ 2024 का साल और आता हुआ 2025 भारी पड़ा है। देखना होगा कि उत्कर्ष इस मामले में कितना रिकवर कर पाता है और आयकर विभाग के इस सर्च में किस स्तर पर टैक्स चोरी सामने आती है।