Right to Health Bill को लेकर डॉक्टर्स नाराज हैं। सभी लामबंद भी हैं और सरकार के दबाव में आने को तैयार नहीं हैं। सरकार बिल में रही कमियों को दूर करने के लिए बैठने को तैयार नहीं है, लेकिन डॉक्टर्स की वाजिब मांगों को लेकर सुनने से ही समाधान निकलने की उम्मीद की जा सकती है।
देखने वाली बात यह होगी कि चुनावी साल में चिकित्सा जगत से सरकार की तना-तनी कहीं सरकार के लिए गलफांस न बन जाए। आइए राइट टू एक्ट से जुड़े डॉक्टर्स के पक्ष जिन्हें सरकार को सुनना और समझना चाहिए उन्हें जानते हैं।